Kahin Door Lyrics in Hindi कहीं दूर जब दिन ढल जाए साँझ की दुल्हन बदन चुराए चुपके से आए मेरे ख़यालों के आँगन में कोई सपनों के दीप जलाए, दीप जलाए कहीं दूर … कभी यूँहीं, जब हुईं, बोझल साँसें भर आई बैठे बैठे, जब यूँ ही आँखें तभी मचल के, प्यार से चल के… Continue reading Kahin Door Lyrics in Hindi