कोई बताये के स्वर्ग कैसा होगा
कोई बताये के स्वर्ग कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
जो प्यार बरसाएं वो बदल कैसा होगा
जो प्यार बरसाएं वो बदल कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
अपने घर के दरवाजे पे
कभी दुःख न आने पायेगी
भूले से जो आ गए तो
प्यार लेके लौट जायेंगे
ये सफ़र काटेंगे गुनगुनाते हुए
जिए हम सदा मुस्कुराते हुए
फ़िज़ा न आये वो चमन कैसा होगा
फ़िज़ा न आये वो चमन कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
कोई रूठे तो मना ले
प्यार होगा न कभी काम
कोई रुत हो या कोई मौसम
बिछड़ेंगे न कभी हम
लब पे जो छेड़ दे अपनी आँखे कभी
हम न बदलेंगे अपनी रहे कभी
डेल न जो वो सूरज कैसा होगा
डेल न जो वो सूरज कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
देखने मे तो अलग है
पर दिल से हम एक है
एक अपनी उलझन है
एक ख़ुशी है घुम एक है
जरने ये हंसी के युही बहते रहे
जीते ये ज़िन्दगी हर के सामने
कभी न चुपे वो चाँद कैसा होगा
कभी न चुपे वो चाँद कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
कोई बताये के स्वर्ग कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा
जो प्यार बरसाएं वो बदल कैसा होगा
जो प्यार बरसाएं वो बदल कैसा होगा
अपने छोटे से घर के जैसा होगा.