Dard E Dil Lyrics in Hindi
ददर्-ए-दिल, ददर्-ए-जिगर दिल में जगाया आपने
पहले तो मैं, शायर था, आशिक़ बनाया आपने
आपकी मद्होश नज़रें कर रहीं हैं शायरी
ये ग़ज़ल मेरी नहीं ये ग़ज़ल हैं आपकी
मैं ने तो बस वो लिखा जो कुछ लिखाया आपने
ददर्-ए-दिल …
कब कहाँ सब खो गयी जितनी भी थी पर्छैयाँ
उठ गयी यारो की महफ़िल हो गयी तन्हैयाँ
क्या किया शायद कोई परदा गिराया आपने
ददर्-ए-दिल …
और थोड़ी देर में बस, हम जुदा हो जायेंगे
आपको ढूँढूँगा कैसे, रास्ते खो जायेंगे
नाम तक तो भी नहीं अपना बताया आपने
ददर्-ए-दिल …