अटक गया Atak Gaya Lyrics in Hindi – Arijit Singh | Badhaai Do
जब चलते चलते रह मुडे
जब जुगनू मुठी खोल उड़े
जब नं ये तोड़े रूल सबी
और खुल के क्रले
भूल सबी
भूल सबी
भूल सबी
तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चातक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
कुछ चटक गया है
ये मन अटक गया है
हाय�!
कभी झील है तू और
कभी यादों की नाव है
तू ही दिल का किनारा मेरा
कभी धूप है तू और
कभी तारो की चाओ हैं
सारा ही है सहारा मेरा
जब बाकी दुनिया धुंधली लागे
जब रात भी उजली लगी
जब दिल को दुआ मालुम पड़े
और धड़कन जाट से
बूम करे
बूम करे
बूम करे
तो अटक गया है
ये मन अटक है
कुछ चातक गया है
ये मन अटक गया है
तो अटक गया है
ये मन अटक गया है
हाय�!
कुछ चातक गया है
ये मन अटक गया है
अटक जाए अटका जाए
सिलसिला प्रेम कास
आ हाथ पे राखी
बुलबुला प्रेम का